जिस स्थान पर आप पीने का पानी रखते हैं, वहां रोज शाम को शुद्ध घी का दीपक लगाएं. इससे पितरों की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। इस बात का ध्यान रखें कि वहां जूठे बर्तन कभी न रखें.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन चावल के आटे के 5 पिंड बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में बहा दें.
गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उस पर गूगल के साथ घी, जौ, तिल व चावल मिलाकर घर में धूप करें.
विष्णु भगवान के किसी मंदिर में सफेद तिल के साथ कुछ दक्षिणा (रुपए) भी दान करें.
कच्चे दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में बहा दें. ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा.
श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराएं या सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़, सब्जी और दक्षिणा दान करें.
श्राद्ध नहीं कर सकते तो किसी नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें. इससे भी पितृ दोष में कमी आती है.
श्राद्ध पक्ष में किसी विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल दान करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं.
श्राद्ध पक्ष में पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें. इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं.
सूर्यदेव को अर्ध्य देकर प्रार्थना करें कि आप मेरे पितरों को श्राद्धयुक्त प्रणाम पहुँचाए और उन्हें तृप्त करें.
नोट: ये जानकारी गया क्षेत्र के पंडित राजा आचार्य ने दी है.