राखी कब बांधनी है, मिनट टू मिनट समझाया गया है, सब कन्फ्यूजन होगा दूर

रिपोर्ट- डेस्क

19 अगस्त 2024 राखी पर भद्रा का वास पाताल लोक में सुबह 09:51 से दोपहर 01:30 तक रहेगा.

19 अगस्त 2024 सोमवार के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। रक्षा बंधन पर इस बार भी भद्रा का साया रहेगा। ज्योतिष मान्यता के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है। इस बार भद्रा का वास पाताल में रहेगा। ऐसे में राखी बांधना चाहिए या नहीं। भद्रा काल कब से कब तक रहेगा और राखी बांधने का सही मुहूर्त क्या है, जानिए इस बारे में संपूर्ण जानकारी यहां मिलेगा.

रक्षा बन्धन पर भद्रा काल

भद्रा पूंछ- सुबह 09:51 से 10:56 तक

भद्रा मुख- सुबह 10:56 से दोपहर 12:37 तक

भद्रा अन्त समय- दोपहर 01:30 से

कब बांधें राखी:- यानी सुबह 09 बजकर 51 मिनट से दोपहर 01 बजकर 30 मिनट के बीच राखी नहीं बांध सकते हैं। इसके बाद शाम 7 बजे के पहले तक राखी बांध सकते हैं क्योंकि शाम 7:00 बजे से पंचक प्रारंभ होंगे. इसलिए शाम 7 के पहले ही राखी बांध लें.

रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त:- सुबह 11:58 से दोपहर 12:51 तक

विजय मुहूर्त:- दोपहर 02:35 से दोपहर 03:27 तक

गोधूलि मुहूर्त:- शाम 06:56 से 07:18 तक

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त:- शाम 06:56:06 से रात्रि 09:07:31 तक

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त:- मध्याह्न 3:30 से 6:45 मिनट तक

रक्षा बंधन राखी मनाने का तरीका

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानआदि से निवृत्त होकर भगवान की पूजा करें

इसके बाद पर्व मनाने की तैयारी करें। घर को साफ-सुथरा करके अच्छे से सजाएं

इसके बाद रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजाकर रखें

इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करें

फिर भाई को बैठाने के लिए एक पाट लगाएं। अच्छा मुहूर्त देखकर राखी बांधें

भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

यदि बहन अपने भाई को राखी बांध रही है तिलक लगाते हुए उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करना चाहिए

इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे.

भाई राखी बंधाने के बाद अपनी बहन के पैर छुएं और फिर उसे उपहार और धन दें और उनके जीवन के हर संकट में उनके साथ खड़े रहने का वचन दें

भाई बड़ा है तो आशीर्वाद दें और बहन की रक्षा का वचन दें.

जिन लोगों की बहनें नहीं हैं या जिन बहनों के भाई नहीं है वे आज के दिन किसी को मुंहबोली बहन बनाकर राखी बंधवाएं या मुंहबोले भाई को राखी बांधें तो शुभ फल मिलता है.

साभार- पंडित राजाचार्य जी, गयाजी क्षेत्र (बिहार)