रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
आम लोगों कि समस्याओं के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जदयू कार्यालय में जन सुनवाई कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसमे कार्यकर्त्ता के साथ – साथ आमलोग भी जनसुनवाई कार्यक्रम में अपना समस्या रख सकते है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न कहीं पंजीकृत कराने कि जरुरत है और नहीं किसी अपॉइंटमेंट कि बस समस्या जिस विभाग के मंत्री है उसी विभाग का होना चाहिए ताकि समस्या सुलझाने में समय न लगे.
जनसुनवाई का उद्देश्य था लोगों को समस्या लेकर भटकना न पड़े
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस जनसुनवाई के पीछे मकसद यह था कि आम मतदाता और मंत्री के बीच आपसी तालमेल बना रहे. उनको अपने समस्या के लिए इधर – उधर भटकना न पड़े. पहले दूर सुदूर से आने वाले ग्रामीण लोग समस्या को लेकर काफि भटकना पड़ता था. नीतीश कुमार बड़ी व्यवस्था के साथ इस जनसुनवाई कार्यक्रम कि शुरुआत किया था.
अब जनसुनवाई कार्यक्रम से नदारद दिख रहे है उनके मंत्री
अब जनसुनवाई कार्यक्रम से जदयू के मंत्री नदारद दिख रहे है. इसी कारण से अब फरियादियों कि संख्या में कमी आयी है. लोगों का कहना है कि ये जनसुनवाई कार्यक्रम बस अब दिखावा बनकर रह गया है. आज के कार्यक्रम में श्रवण कुमार, जयंत राज और सुनील कुमार को शामिल होना था पर सुनील कुमार इस कार्यक्रम से दुरी बना लिए जिसके चलते फरियादियों पर असर दिखा. लगातार मंत्रियों के शामिल न होने से जनसुनवाई कार्यक्रम अब लोग काफ़ी कम पहुँच रहे है
अब देखना यह है मुख्यमंत्री जी इसको लेकर क्या कदम उठाते है क्या कार्यक्रम बंद हो जाएगा या निरंतर चलते रहेगा ?