प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में इन दिनों बड़े पहचान वाले व्यक्तियों का शामिल होना लगातार जारी है. इसी कड़ी में एक नाम भाजपा नेता सह चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप का आ रहा है. मनीष कश्यप इन दिनों भाजपा से काफी नाराज चल रहे हैं उन्होंने यहां तक कह दिया की बिहार के लोगों को पीएम मोदी की रैली में नहीं जाना चाहिए. भाजपा से नाराजगी के बीच मनीष कश्यप की फोटो जनसुराज के उपाध्याक्ष के साथ वायरल हो रही है. इससे कयास लगाया जा रहा है कि मनीष कश्यप जन सुराज में शामिल होंगे.
बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप अपने बयानों और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं. बीती 19 मई को मनीष कश्यप खुद की पिटाई को लेकर काफी चर्चा मे रहे. बताया जा रहा है कि मनीष एक मरीज की पैरवी करने अस्पताल पहुंचे थे, जहां डॉक्टरों से हुई बहस ने तूल पकड़ लिया और मामला हाथापाई तक जा पहुंचा. उसके बाद जो मनीष कश्यप ने नहीं सोचा था वो उनके साथ हो गया. जूनियर डॉक्टरो ने अस्पताल के रूम में बंदकर घंटो मारपीट की. सीधे तौर पर कहा जाए तो मनीष कश्यप की जान स्थानीय पुलिस ने बचाई. इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा ने मनीष कश्यप का साथ नहीं दिया उनसे दूरियां बना ली. इसे खफा होकर मनीष कश्यप ने पहले तो लोगों से मोदी की रैली में नहीं जाने की अपील कर डाली फिर अब जनसुराज के उपाध्याक्ष से मुलाक़ात करके ये स्पष्ट कर दिया है की अब आगे मनीष कश्यप प्रशांत किशोर का बस्ता ढोयेगे.
मनीष कश्यप का बयान
मनीष कश्यप ने बताया कि वायरल तस्वीर की क्या सच्चाई है. मनीष कश्यप ने बताया कि वह YV Giri से मुलाक़ात करने गए थे. वह सीनियर एडवोकेट हैं, हम लोगों के गार्जियन हैं. ऐसा नहीं है कि उनसे पहली मुलाक़ात है, हमारे गार्जियन है इसलिए मुलाक़ात होती रहती है. अभी जनसुराज में शामिल होने का कुछ सोचा नहीं है। वहीं मनीष कश्यप ने बताया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मेरे चाहने वालों की ख्वाहिश है कि मैं चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूं। इसलिए चनपटिया से चुनाव लड़ेंगे यह तय कर लिया है. चाहे किसी बैनर के तले लड़ूं या फिर निर्दलीय लड़ें।
मनीष कश्यप कौन है?
आपको बताते चलें कि मनीष कश्यप का असली नाम त्रिपुरारी तिवारी है। उनकी पहचान एक यूट्यूबर और समाजसेवी की है। वह अक्सर बिहार से जुड़े विषयों पर वीडियो बनाते हैं और उनके वीडियो हिंदी भाषी क्षेत्रों में काफी पसंद किए जाते हैं। पुणे से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक नौकरी की। इसके बाद बिहार के स्थानीय मुद्दों को सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे और धीर-धीरे उनका यूट्यूब चैनल बड़ा होता गया। सच तक नाम का उनका चैनल सबसे ज्यादा तब चर्चा में आया, जब उन्होंने मारपीट का एक वीडियो शेयर किया। कश्यप ने लिखा कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट की जा रही है।
मनीष कश्यप पर लगा था रासुका
तमिलनाडु मामले में वायरल वीडियो के चलते मनीष कश्यप मुश्किल में फंस गए थे। तमिलनाडु पुलिस ने उनके वीडियो को पूरी तरह से फर्जी बताया। बिहार के बेतिया में उनके खिलाफ सात मामले दर्ज हुए और तमिलनाडु में भी कई मामले दर्ज किए गए। मनीष के खिलाफ बीजेपी विधायक के साथ मारपीट का भी केस दर्ज हुआ। इसके बाद वह छिप गए। पुलिस ने उनके घर की कुर्की शुरू की तो उन्होंने सरेंडर किया और नौ महीने तक जेल मे रहे. तमिलनाडु पुलिस ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
भाजपा छोड़ने का ऐलान
बता दें कि यूट्यूबर मनीष कश्यप ने 28 मार्च 2025 को बीजेपी को छोड़ने का फैसला किया था. बिहार के यूट्यूबर का यह फैसला अपने यूट्यूब चैनल पर महिलाओं की पिटाई की खबर चलाने के बाद FIR दर्ज होने से नाराजगी के बाद आया था. इससे भाजपा के नेता सकते में आ गए थे. हालांकि मनीष कश्यप ने ना तो तब भाजपा से इस्तीफा दिया और ना ही गिरफ्तार हुए थे.
सांसद सह अभिनेता मनोज तिवारी ने करवाया था भाजपा ज्वाइन
वही यूट्यूबर मनीष कश्यप को 25 अप्रैल 2024 को बीजेपी में शामिल करवाया गया था. जेल से छूटने के बाद मनीष कश्यप, पश्चिमी चंपारण बेतिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था. जिसके बाद बीजेपी को पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट पर नुकसान होने की आशंका हुई. इसके बाद मनोज तिवारी को डैमेज कंट्रोल में लगाया गया. मनीष कश्यप को बीजेपी में शामिल करने का पूरा श्रेय भाजपा नेता मनोज तिवारी को जाता है. मनोज तिवारी ने मनीष कश्यप को बीजेपी में शामिल करने के लिए पूरी रणनीतिक तैयारी की थी.